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CM और RBI अधिकारियों के नाम पर करोड़ों की ठगी! उज्जैन में वसीम हाजी ने ‘पावर ब्रोकर’ बनकर कई लोगों से लूटी सालों की जमा-पूंजी, पुलिस के हाथ लगे ऑडियो सबूत!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
शहर में लोन दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। आरोपी वसीम हाजी नामक व्यक्ति ने खुद को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और RBI अधिकारियों का करीबी बताकर कई लोगों को अपने जाल में फंसा लिया। अब तक सामने आए मामलों में उसने पीड़ितों से 5 से 35 लाख रुपए तक की ठगी की है। पुलिस को आरोपी की ऑडियो क्लिप भी मिली हैं, जिनमें वह खुद को “पावर ब्रोकर” बताता है और मुख्यमंत्री का नाम लेकर लोगों को प्रभावित करता है।
CM के नाम पर बनाया दबाव, खुद को बताया करीबी
जांच में सामने आया है कि वसीम हाजी खुद को मुख्यमंत्री का करीबी बताता था और यह दावा करता था कि वह “सरकारी फाइलें रोक और चला” सकता है।
एक ऑडियो क्लिप में वह कहता है —
“सुबह मैडम के पास गया था। मोहन यादव जी की फाइल उनके पास आई है, तो मैं मना करने गया था… काम करना मत, पैसे नहीं देगा।”
यह ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारी अब यह पता लगाने में जुटे हैं कि आरोपी ने किन-किन लोगों से संपर्क किया और कितनी रकम वसूली।
RBI कनेक्शन का झांसा देकर फंसाता था शिकार
वसीम खुद को RBI अधिकारियों का करीबी बताता था। वह कहता था कि थोड़े “खर्चे” में करोड़ों का लोन मंजूर हो जाएगा। इस झांसे में कई लोग फंस गए और अपनी सालों की जमा-पूंजी गंवा बैठे।
तीन केसों से समझिए कैसे चलता था उसका ठगी नेटवर्क
केस 1: 25 लाख और पत्नी के गहनों की ठगी
आबिद नाम के व्यक्ति को घर बनाने के लिए लोन चाहिए था। वसीम ने भरोसा दिलाया कि वह 1 करोड़ तक का लोन दिला देगा। “प्रोसेसिंग फीस” और “अफसरों के खर्च” के नाम पर 25 लाख रुपए वसूल लिए। जब पैसे रुक गए तो वसीम ने दबाव बनाकर आबिद की पत्नी के सोने के गहने भी ले लिए।
केस 2: अमरीन बानो से 5.75 लाख की ठगी
मोचीवाड़ा निवासी अमरीन बानो ने पुराने घर को तोड़कर नया बनाने के लिए लोन की कोशिश की। वसीम ने कहा कि “15 लाख का लोन तुरंत पास हो जाएगा।” दो साल में उसने 5 लाख 75 हजार रुपए ले लिए। न लोन मिला, न पैसा वापस।
केस 3: बिजनेस बढ़ाने का सपना टूटा
मसाला व्यापारी मोहम्मद आजम कुरैशी को वसीम ने भरोसा दिलाया कि उसका लोन पास हो गया है। उसने 20 लाख रुपए की रकम हड़प ली और कहा कि “दिल्ली से कैश आने वाला है, घर में तिजोरी रखो।” तिजोरी आज तक खाली है।
नकली तस्वीरें, फर्जी लेटर और दस्तावेजों का दुरुपयोग
वसीम सिर्फ पैसों से नहीं, बल्कि चालाकी से भी ठगी करता था।
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फर्जी तस्वीरें भेजता था: लोगों को दिखाता था कि RBI अधिकारी साइट विजिट पर आए हैं।
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जेवर और गिफ्ट मांगता था: कहता था कि “अफसरों को खुश करने के लिए सोने का गिफ्ट भेजना होगा।”
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महत्वपूर्ण दस्तावेज ले लेता था: पीड़ितों से साइन करवाए हुए स्टाम्प पेपर, चेकबुक, पैन और आधार ले लेता था।
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फर्जी पहचान बनाता था: खुद को मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड का सदर बताकर फर्जी लेटर तक दिखाता था।
पीड़ितों की बढ़ती संख्या, पुलिस जांच में जुटी
अब तक चार पीड़ित औपचारिक रूप से सामने आ चुके हैं। पुलिस को दो ऑडियो रिकॉर्डिंग्स मिली हैं, जिनमें आरोपी मुख्यमंत्री का नाम लेकर गुमराह करता सुना जा सकता है।
उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया —
“मामले की जांच चल रही है। ऑडियो क्लिप्स का परीक्षण कराया जा रहा है। आरोप सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
कैसे फैलाया नेटवर्क
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वसीम हाजी उज्जैन में नगर निगम और धार्मिक संस्थाओं से जुड़े कुछ लोगों के जरिए संपर्क बढ़ाता था। फिर लोगों को “इनसाइड कनेक्शन” दिखाकर भरोसा दिलाता था कि उसका हर बड़ा काम हो सकता है।
लोन के नाम पर ठगी का बढ़ता जाल
पुलिस का मानना है कि वसीम अकेला नहीं है, बल्कि उसके साथ कुछ और लोग भी जुड़े हो सकते हैं। यह गिरोह उज्जैन, इंदौर और भोपाल तक सक्रिय था।
लोन दिलाने के नाम पर यह लोग बेरोजगार, व्यापारी और जरूरतमंद परिवारों को निशाना बनाते थे।
अब पुलिस की नज़र बाकी पीड़ितों पर
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी ने भी वसीम हाजी या उसके साथियों को पैसा दिया है, तो थाने में शिकायत करें। जांच में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।